I AM THE DESIGNER OF MY CATASTROPHE
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे... छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएं...
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